Priyanka06

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लेखनी कहानी -26-Apr-2022 प्रेम

रचयिता-प्रियंका भूतड़ा
शीर्षक-प्रेम

प्रेम एक समुंदर है
जिसका नहीं कोई अंत

गेम एक प्यारा सा शब्द है
प्रेम खुशियों का सौगात है।

प्रेम बिना ये दुनिया अधूरी
प्रेम में निश्चल भाव है।

प्रेम में एक एहसास है
इसमें बनता एक विश्वास है।

प्रेम दो दिलों का मेल है
पर बना अनोखा मेल है ।

हम माने तो दो दिलों का प्यार है जिंदगी
एक झुके तो दूसरे को सहारा दे वो प्रेम है

उसकी आंख के आंसू को अपना समझे
वह प्रेम है

सुख दुख को अपना समझे
वह प्रेम है

ना मानो तो प्रेम बंदगी है 
मानो तो प्यार बिना ना जिंदगी है

प्यार से हर खुशी है
प्रेम एक समर्पण है

ना बदलो प्रेम का मतलब
प्रेम का ना करो तुम इस्तेमाल
प्रेम को रखो तुम पाक

यह समुंदर की धारा है
मैं उस धारा का पानी हूं
उसे निर्मल रहने दो
रहने दो इसे as usual

सप्ताह की दूसरी कविता

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9 Comments

Seema Priyadarshini sahay

28-Apr-2022 09:18 PM

बहुत खूब लेकिन अंत मे अंग्रेजी के शब्द क्यों

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Abhinav ji

27-Apr-2022 12:00 AM

Nice👍

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Renu

26-Apr-2022 10:48 PM

👍👍

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